विवाहित जीवन या यौन संबंधों में संतुलन बनाए रखना एक स्वस्थ जीवनशैली का अहम हिस्सा है। लेकिन जब पुरुष संभोग के दौरान अत्यधिक जल्दी स्खलित हो जाता है, तो यह केवल शारीरिक ही नहीं, मानसिक और दाम्पत्य समस्याओं का कारण बन जाता है। इस अवस्था को आमतौर पर प्रीमैच्योर इजैकुलेशन, शीघ्रपतन या शीघ्रस्खलन कहा जाता है।
यह समस्या पुरुषों में पाई जाने वाली कई यौन चुनौतियों — जैसे स्तंभन दोष (Erectile Dysfunction), वीर्य की गुणवत्ता में कमी, कामेच्छा की दुर्बलता, टेस्टोस्टेरोन स्तर में गिरावट और यौन समय की कमी — का एक हिस्सा हो सकती है। विशेषकर युवाओं में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है, जहाँ मानसिक तनाव, डिजिटल व्यसन, अनियमित नींद और अशुद्ध खानपान जैसी आदतें इस स्थिति को और भी जटिल बना देती हैं।
लेकिन अच्छी बात यह है कि आयुर्वेद में इन समस्याओं के लिए गहराई से जड़ तक जाकर उपचार करने वाले प्रभावी, सुरक्षित और प्राकृतिक समाधान मौजूद हैं।
प्रीमैच्योर इजैकुलेशन (शीघ्रपतन) क्या है?
प्रीमैच्योर इजैकुलेशन (Premature Ejaculation) एक ऐसी यौन समस्या है जिसमें पुरुष संभोग प्रारंभ करते ही या एक मिनट के अंदर ही स्खलन कर देता है। इस कारण दोनों पार्टनर को संतोषजनक यौन अनुभव नहीं मिल पाता।
यह एक सामयिक यौन विकार (Sexual Dysfunction) की श्रेणी में आता है और यदि समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो यह रिश्तों और आत्मविश्वास दोनों पर गहरा असर डाल सकता है।
प्रीमैच्योर इजैकुलेशन के प्रकार
1. जीवन भर से मौजूद (Lifelong PE)
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जब किसी पुरुष को पहली बार यौन क्रिया से लेकर आज तक हमेशा शीघ्रपतन की समस्या रही हो।
2. अधिग्रहित (Acquired PE)
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जब किसी समय के बाद, पहले सामान्य यौन अनुभव के बावजूद, अचानक शीघ्रस्खलन की समस्या शुरू हो जाती है।
शीघ्रपतन (शीघ्रस्खलन) के आम लक्षण
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संभोग की शुरुआत के तुरंत बाद वीर्य का स्खलन
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वीर्य पर नियंत्रण की कमी
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हर बार सेक्स के दौरान अनैच्छिक स्खलन
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यौन संतुष्टि में कमी
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मानसिक तनाव और अपराधबोध की भावना
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साथी के साथ संबंधों में दूरी
आयुर्वेद के अनुसार शीघ्रपतन के कारण
आयुर्वेद अनुसार शरीर में त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) का संतुलन बिगड़ने से अनेक समस्याएं जन्म लेती हैं। शीघ्रपतन की मुख्य वजह वात दोष का असंतुलन होता है।
आयुर्वेदिक कारण:
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वात दोष की वृद्धि – मानसिक तनाव, अधिक हस्तमैथुन या अनियमित दिनचर्या से वात बढ़ता है।
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शुक्र धातु की कमजोरी – अत्यधिक वीर्य स्खलन या अशक्त शरीर।
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मांसपेशियों की दुर्बलता – विशेष रूप से पेल्विक एरिया की कमजोरी।
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अधूरी नींद और अनियमित आहार – जिससे मानसिक और हार्मोनल संतुलन बिगड़ता है।
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अति उत्तेजना या यौन अनुभव की कमी
शीघ्रपतन के अन्य कारण (आधुनिक दृष्टिकोण से)
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मनोवैज्ञानिक कारण – चिंता, डिप्रेशन, यौन प्रदर्शन का डर
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हार्मोनल असंतुलन – टेस्टोस्टेरोन की कमी
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न्यूरोलॉजिकल समस्या – नसों की संवेदनशीलता अधिक होना
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थायराइड या प्रोस्टेट की समस्याएं
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अत्यधिक हस्तमैथुन या अश्लील कंटेंट की लत
शीघ्रपतन का आयुर्वेदिक उपचार
1. आहार और दिनचर्या
आयुर्वेद में “आप जैसा खाते हैं, वैसे ही बनते हैं” को महत्वपूर्ण माना जाता है।
क्या खाएं:
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गर्म, पौष्टिक और सात्विक भोजन
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सूखे मेवे (बादाम, अखरोट, किशमिश)
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घी और दूध से बनी चीजें
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हर्बल चाय, त्रिफला, दालचीनी
क्या न खाएं:
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अत्यधिक मसालेदार, तली-भुनी चीजें
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शराब, धूम्रपान, कैफीन
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जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक्स
2. आयुर्वेदिक औषधियाँ और जड़ी-बूटियाँ
कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक औषधियाँ जो प्रीमैच्योर इजैकुलेशन के इलाज में कारगर मानी जाती हैं:
इन औषधियों से बनी आयुर्वेदिक दवाएं जैसे “Liv Muztang Capsule” और अन्य पुरुष शक्ति वर्धक औषधियाँ भी उपयोगी पाई गई हैं।
3. तेल मालिश (अभ्यंग)
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विशेष आयुर्वेदिक तेल जैसे अश्वगंधा तेल, बलबर्धक तेल आदि से पेल्विक क्षेत्र में मालिश करने से नसों की शक्ति बढ़ती है और रक्त संचार बेहतर होता है।
शीघ्रपतन में योग और प्राणायाम का महत्व
योग और प्राणायाम शरीर और मन दोनों को संतुलन में लाने का प्रभावी तरीका हैं।
लाभकारी योगासन:
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वज्रासन
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भुजंगासन
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शलभासन
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मकरासन
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अश्विनी मुद्रा
प्रभावशाली प्राणायाम:
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अनुलोम-विलोम
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भ्रामरी
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कपालभाति
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नाड़ी शोधन
ये क्रियाएं तनाव कम करती हैं और नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाती हैं, जिससे शीघ्रस्खलन की समस्या में राहत मिलती है।
घरेलू उपाय और दिनचर्या सुधार
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रात को गर्म दूध में 1 चम्मच अश्वगंधा मिलाकर पिएं।
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सुबह खाली पेट 5 भीगे बादाम खाएं।
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रोजाना कम से कम 30 मिनट टहलें।
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मोबाइल, लैपटॉप या अश्लील सामग्री से दूरी बनाएं।
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सप्ताह में 1–2 बार ही यौन क्रिया करें; बार-बार उत्तेजित न हों।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
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यदि समस्या 2-3 महीने से लगातार बनी हुई हो।
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यौन क्रिया में आत्मविश्वास पूरी तरह खत्म हो गया हो।
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दाम्पत्य जीवन पर बुरा असर पड़ने लगा हो।
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आयुर्वेदिक उपायों के बाद भी कोई सुधार न हो।
ऐसी स्थिति में किसी अनुभवी आयुर्वेदिक डॉक्टर या सेक्सोलॉजिस्ट से परामर्श लेना अत्यंत आवश्यक है।
क्या शीघ्रपतन का इलाज संभव है?
हाँ, बिल्कुल। शीघ्रपतन कोई लाइलाज रोग नहीं है। यदि सही समय पर पहचान कर उचित आयुर्वेदिक उपचार, जीवनशैली परिवर्तन, योग व प्राणायाम को अपनाया जाए, तो यह समस्या जड़ से समाप्त की जा सकती है।
निष्कर्ष
प्रीमैच्योर इजैकुलेशन (शीघ्रपतन/शीघ्रस्खलन) एक आम लेकिन गंभीर यौन समस्या है जो न केवल शरीर बल्कि मन पर भी प्रभाव डालती है। आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से इसका समाधान बहुत ही सुरक्षित, प्राकृतिक और प्रभावी होता है। संतुलित आहार, उचित जीवनशैली, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ, योग और मानसिक शांति इस समस्या को जड़ से समाप्त करने की दिशा में सहायक होते हैं।
अगर आप इस परेशानी से जूझ रहे हैं, तो जल्द से जल्द सही कदम उठाएं। यह न केवल आपके यौन स्वास्थ्य को बहाल करेगा, बल्कि आपका आत्मविश्वास भी लौटाएगा।