Low Libido: यौन इच्छा में कमी के कारण, लक्षण और समाधान

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Low Libido क्या होता है?

लो लिबिडो का मतलब होता है यौन इच्छा में कमी आना। यह स्थिति तब होती है जब किसी व्यक्ति को यौन संबंध बनाने की रुचि कम या न के बराबर होती है। यह कोई एक दिन की बात नहीं होती बल्कि यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है। कई बार लोग इसे सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन जब यह स्थिति रिश्तों, मानसिक स्थिति या आत्मसम्मान पर असर डालने लगे, तब इसे गंभीरता से लेने की जरूरत होती है।

पुरुषों और महिलाओं दोनों में लो लिबिडो की समस्या देखी जा सकती है, हालांकि इसके कारण और प्रभाव अलग-अलग हो सकते हैं। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन नामक हार्मोन की कमी प्रमुख कारण हो सकती है जबकि महिलाओं में हार्मोनल बदलाव, प्रसव के बाद की शारीरिक स्थिति, या मेनोपॉज जैसी स्थितियां इसे जन्म दे सकती हैं।

Low Libido के मुख्य कारण

मुख्य कारण इस प्रकार हो सकते हैं:

  • हार्मोनल असंतुलन: शरीर में सेक्स हार्मोन जैसे पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन और महिलाओं में एस्ट्रोजेन यदि संतुलन में न हों, तो यौन इच्छा पर सीधा असर पड़ता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हार्मोन का स्तर कम होने लगता है, जिससे लो लिबिडो की स्थिति पैदा हो सकती है।

  • मानसिक तनाव या अवसाद: लगातार मानसिक तनाव, चिंता, या अवसाद जैसी मानसिक स्थितियाँ मस्तिष्क की यौन संवेदनशीलता को कम कर देती हैं। तनाव में व्यक्ति की रुचि स्वाभाविक रूप से सेक्स से हट जाती है, जिससे यौन इच्छा कमजोर हो जाती है।

  • शारीरिक बीमारियाँ: डायबिटीज, थायरॉइड, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियाँ शरीर की कार्यप्रणाली को धीमा कर देती हैं। इनसे शरीर की ऊर्जा भी प्रभावित होती है, जिससे लिबिडो में कमी आती है।

  • कुछ दवाइयों का प्रभाव: ऐंटी-डिप्रेसेंट्स, ब्लड प्रेशर की दवाइयाँ और हार्मोनल थेरेपी जैसी कुछ दवाएं भी यौन इच्छा को कम कर सकती हैं। दवाओं का यह असर धीमे-धीमे सामने आता है और लंबे समय तक असर बना रह सकता है।

  • नशे की लत (शराब, धूम्रपान): शराब, धूम्रपान और नशीले पदार्थ शरीर की तंत्रिका प्रणाली और हार्मोन को नुकसान पहुंचाते हैं। इनके अधिक सेवन से यौन उत्तेजना और रुचि में गिरावट आती है।

  • खराब जीवनशैली और नींद की कमी: अनियमित दिनचर्या, देर रात तक जागना, मोबाइल या टीवी का अत्यधिक उपयोग, और पर्याप्त नींद न लेना शरीर की प्राकृतिक लय को बिगाड़ देता है। इसका असर यौन स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।

  • संबंधों में भावनात्मक दूरी: यदि जीवनसाथी के साथ संवाद, समझदारी या भावनात्मक जुड़ाव में कमी हो, तो उसका प्रभाव यौन संबंधों पर पड़ता है। जब रिश्तों में तनाव होता है, तो व्यक्ति का मन यौन गतिविधियों में नहीं लगता।

Low Libido के लक्षण

  • यौन क्रियाओं में रुचि की कमी: पहले जहां व्यक्ति सेक्स में रुचि दिखाता था, अब उसमें उत्साह या इच्छा नहीं रहती। वह यौन गतिविधियों से दूरी बनाने लगता है।

  • उत्तेजना में कमी: शारीरिक और मानसिक रूप से यौन उत्तेजना कम या बहुत धीमी हो जाती है। कई बार इच्छा होते हुए भी उत्तेजना नहीं होती।

  • यौन संबंधों से बचाव: व्यक्ति यौन संबंधों से पूरी तरह दूर रहने लगता है, जिससे पार्टनर के साथ भावनात्मक दूरी और तनाव उत्पन्न हो सकता है।

  • आत्मविश्वास में गिरावट: अपने शरीर और यौन क्षमता को लेकर आत्म-संदेह उत्पन्न होने लगता है, जिससे व्यक्ति मानसिक रूप से और कमजोर महसूस करता है।

  • मानसिक तनाव में वृद्धि: बार-बार यह महसूस होना कि शरीर में कोई कमी है, तनाव और चिंता को और बढ़ा देता है।

  • स्थिति का लंबे समय तक बने रहना: यदि ये लक्षण लगातार तीन महीने या उससे अधिक समय तक बने रहते हैं, तो यह लो लिबिडो की स्थायी समस्या का संकेत हो सकता है।

किन लोगों को अधिक जोखिम है?

  • 35 वर्ष से अधिक आयु वाले पुरुष और महिलाएं

  • जिनकी दिनचर्या असंतुलित है

  • अवसाद या चिंता से पीड़ित व्यक्ति

  • जिनकी वैवाहिक या प्रेम संबंधों में तनाव है

  • जो लंबे समय से किसी बीमारी या दवा का सेवन कर रहे हैं

समाधान और उपचार विकल्प

1. हार्मोनल जाँच और चिकित्सा

  • डॉक्टर की सलाह से टेस्टोस्टेरोन या एस्ट्रोजेन लेवल की जांच कराना चाहिए।

  • जरूरत हो तो हार्मोन थेरेपी की जा सकती है।

2. आयुर्वेदिक उपाय

3. परामर्श और थेरेपी

  • मनोवैज्ञानिक या सेक्स थेरेपिस्ट से बातचीत करना फायदेमंद हो सकता है।

  • रिलेशनशिप काउंसलिंग से भी मदद मिल सकती है।

4. स्वस्थ जीवनशैली अपनाना

  • नियमित व्यायाम से न सिर्फ शारीरिक शक्ति बढ़ती है बल्कि हार्मोन का संतुलन भी सुधरता है।

  • नींद पूरी लेना, समय पर खाना और तनाव से दूर रहना जरूरी है।

5. नशे से दूरी

  • शराब, सिगरेट और अन्य मादक पदार्थ यौन क्षमता को नुकसान पहुंचाते हैं। इनसे दूर रहना आवश्यक है।

घरेलू उपाय जो मदद कर सकते हैं

  • शहद और अखरोट: रोज सुबह एक चम्मच शहद और कुछ भीगे हुए अखरोट खाएं।

  • दूध और सफेद मूसली: रात को एक गिलास दूध में सफेद मूसली पाउडर मिलाकर सेवन करें।

  • आंवला और अश्वगंधा: आयुर्वेद में ये दोनो रसायन टॉनिक माने जाते हैं।

  • योग और ध्यान: प्राणायाम और ध्यान से मानसिक संतुलन बेहतर होता है जिससे लिबिडो में सुधार आ सकता है।

कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?

  • अगर समस्या 3 महीने से अधिक समय से बनी हुई है

  • जब यौन इच्छा की कमी से संबंधों पर असर पड़ रहा हो

  • जब हार्मोनल असंतुलन का संदेह हो

  • यदि आयुर्वेदिक या घरेलू उपायों से भी सुधार न दिखे

निष्कर्ष

Low Libido एक आम लेकिन संवेदनशील समस्या है जो कई कारणों से हो सकती है। इसे नजरअंदाज करने की बजाय इसका कारण समझकर उपचार करना जरूरी है। आयुर्वेद, जीवनशैली में सुधार और सही परामर्श से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

डॉक्टर रेणुका त्यागी

डॉक्टर रेणुका त्यागी एक अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्सक हैं, जिन्हें प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वह प्राकृतिक तरीकों से स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए समर्पित हैं। उनके ब्लॉग पर, आपको शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करने के टिप्स मिलेंगे, जिसमें घरेलू उपचार, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का महत्व और स्वस्थ जीवनशैली के टिप्स शामिल हैं।